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असंभव कुछ भी नहीं… फिर भी हर कोई सफल क्यों नहीं होता?

299.00

(आत्मकथा, चिंतन और कविता)
अपडेटेड संस्करण

राणा गुड्डु
नेतृत्व का नया नाम

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यह सिर्फ़ एक कहानी नहीं है — यह संघर्ष और कठिनाइयों के बीच सफलता की लड़ाई है।
एक छोटे गाँव का लड़का, जिसके पास ना पैसा था, ना कौशल, ना समर्थन, जो अपने बीमार पिता की जान बचाने की जिम्मेदारी, छोटी उम्र में शादी, बच्चों की परवरिश, और सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक कम वेतन वाली नौकरी जैसी मुश्किलों से जूझ रहा था, राणा गुड्डू ने अपनी सारी मुश्किलों को सफलता, उम्मीद और प्रेरणा में बदल दिया।
असंभव कुछ भी नहीं… में आप पढ़ेंगे:
• भीड़ भरे ट्रेनों में घंटों सफ़र करके सेमिनार में शामिल होना और सफल लोगों से सीखना।
• थकावट भरी नौकरी के बाद रात में पढ़ाई करना, सिर्फ़ बेहतर जीवन का सपना लिए।
• बार-बार असफलताओं, स्वास्थ्य समस्याओं और वित्तीय दबाव के बावजूद आगे बढ़ने का साहस।
आज, राणा गुड्डू एक सफल सरकारी कर्मचारी, प्रकाशित लेखक, और उद्यमी हैं — यह साबित करता है कि कड़ी मेहनत, धैर्य और विज़न किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
यह किताब उन सभी के लिए है, जिन्होंने कभी खुद को फंसा हुआ, हारा हुआ या निराश महसूस किया है।
यह साबित करती है कि आपकी शुरुआत आपके अंत को नहीं तय करती — आपकी मेहनत, मानसिकता और प्रयास तय करते हैं।
🚀 इस किताब को क्यों पढ़ें
✅ हर असफलता के बाद मजबूत उठना सीखें।
✅ जब जीवन असंभव लगे तब भी लड़ने का साहस पाएं।
✅ समझें कि खुद पर विश्वास ही सफलता की असली कुंजी है, भाग्य नहीं।
✅ बड़े सपनों का पीछा करने और निडर कार्रवाई करने के लिए प्रेरित हों।
“मैं सफल पैदा नहीं हुआ — मैंने अपनी जिंदगी को धूल, संघर्ष और मेहनत से बनाया।
अगर मैं कर सकता हूँ, तो आप भी कर सकते हैं।”
— राणा गुड्डू
🔥 असंभव कुछ भी नहीं… सिर्फ़ एक किताब नहीं है — यह उन सभी के लिए चेतावनी और प्रेरणा है जो अपनी सीमाओं से बाहर निकलना चाहते हैं:
“आज के संघर्ष कल की ताकत हैं। चलते रहो — आपका समय जरूर आएगा।”

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